गोदावरी नदी का उद्गम (Origin)

गोदावरी नदी का उद्गम महाराष्ट्र राज्य के नासिक ज़िले के त्र्यंबकेश्वर में स्थित ब्रह्मगिरि पर्वत से होता है। यह समुद्र तल से लगभग 920 मीटर (3020 फीट) की ऊँचाई पर उत्पन्न होती है और इसे “दक्षिण गंगा” कहा जाता है।

गोदावरी नदी का उद्गम (Origin)

गोदावरी नदी का उद्गम (Origin)

- स्थान: त्र्यंबकेश्वर, नासिक ज़िला, महाराष्ट्र  
- पर्वत: ब्रह्मगिरि पहाड़ (Western Ghats का हिस्सा)  
- ऊँचाई: लगभग 920 मीटर (3020 फीट)  
- निर्देशांक: 19°55′48″N, 73°31′39″E  
- विशेष नाम: इसे “दक्षिण गंगा” कहा जाता है क्योंकि इसका धार्मिक महत्व गंगा नदी के समान है।  

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 धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व
- त्र्यंबकेश्वर में गोदावरी का उद्गम स्थल एक प्रमुख तीर्थ स्थान है।  
- यहाँ स्थित त्र्यंबकेश्वर मंदिर बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है।  
- हर 12 साल में यहाँ कुंभ मेला आयोजित होता है, जो गोदावरी नदी से जुड़ा है।  
- रामायण में वर्णन है कि भगवान राम ने वनवास के दौरान पंचवटी (नासिक) में गोदावरी तट पर निवास किया था।  

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 उद्गम से प्रवाह की दिशा
- उद्गम स्थल से निकलकर नदी पूर्व की ओर बहती है।  
- यह महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ और ओडिशा से होकर गुजरती है।  
- अंततः आंध्र प्रदेश के अंतरवेदी (कोनसीमा ज़िला) में बंगाल की खाड़ी में मिलती है।  

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 मुख्य बातें
- गोदावरी नदी का उद्गम ब्रह्मगिरि पर्वत, त्र्यंबकेश्वर (नासिक, महाराष्ट्र) में होता है।  
- यह भारत की दूसरी सबसे लंबी नदी है (गंगा के बाद)।  
- धार्मिक दृष्टि से इसे “दक्षिण गंगा” कहा जाता है।  
- उद्गम स्थल पर स्थित त्र्यंबकेश्वर मंदिर का महत्व अत्यधिक है।  

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